Use Adobe Firefly to Generate Your Images
Copy link to clipboard
Copied
Welcome to the community support forum!
Your post has been merged into this main thread.
If you want to create an image go to https://firefly.adobe.com and enter your prompt there to generate.
Do not prompt here in the Adobe Community forum.
If you are new to Firefly, here are two videos to get you started:
For a demonstration of using Firefly Video, see:
Here are some tips for using prompts with Adobe Firefly: Writing effective prompts.
If you have a question or issue regarding Firefly feel free to post a new thread for assistance!
[Posts containing prompts posted in the Adobe Community are moved to this posting.]
Copy link to clipboard
Copied
A women naturalist walking in a jungle holding binocular in her hand and the strap is holding on her neck. A river is passing through on her right side where elephants drink water on the banks. A tall tree is standing to her right side corner and a tree top house is also built on the top of the tree. A jungle passage is leading. A tiger shows her hidden face through bushes. this is required for a cover page of a book.
Copy link to clipboard
Copied
Hello @sarath_0783,
Your message was merged into this thread.
Please see the message at the top of this thread for instructions on how to use Firefly. You cannot prompt here in the forum.
Thanks,
droopy
Copy link to clipboard
Copied
शीर्षक: "लिली द ब्रेव लिटिल रैबिट और जादुई जंगल"
कहानी का सारांश:
लिली एक जिज्ञासु और बहादुर छोटी खरगोश है जो जादुई जंगल के किनारे एक आरामदायक बिल में रहती है। एक दिन, उसे पता चलता है कि जंगल के रंग फीके पड़ रहे हैं, और जानवरों की खुशी गायब हो रही है। अपने दोस्तों की मदद से, लिली जंगल के जादू को वापस लाने के लिए एक रोमांचक यात्रा पर निकलती है।
पूरी कहानी:
एक समय की बात है, जादुई जंगल के किनारे एक हरे-भरे मैदान में एक छोटी सी खरगोश रहती थी, जिसका नाम लिली थी। लिली कोई आम खरगोश नहीं थी—वह बहुत जिज्ञासु, बहादुर और हमेशा किसी नए रोमांच के लिए तैयार रहती थी। उसका मुलायम सफेद फर धूप में चमकता था, और उसकी बड़ी, गोल आँखें हमेशा आश्चर्य से भरी रहती थीं।
एक सुबह, लिली अपने बिल से बाहर निकली और उसने कुछ अजीब देखा। मैदान के फूल पहले जितने चमकीले नहीं थे, और जंगल के पेड़ धुंधले और भूरे लग रहे थे। यहाँ तक कि पक्षियों के मधुर गीत भी उदास फुसफुसाहट में बदल गए थे।
लिली के सबसे अच्छे दोस्त, बेनी द स्क्विरल, चिंतित मुद्रा में उसके पास आए। “लिली, क्या तुमने देखा? जंगल का जादू खत्म हो रहा है! रंग फीके पड़ रहे हैं, और सब इतने उदास हैं।”
लिली ने सिर हिलाया। “हमें कुछ करना होगा, बेनी! चलो पता करते हैं कि क्या हो रहा है।”
दोनों दोस्तों ने जंगल के सबसे बुद्धिमान प्राणी, मिस्टर उल्लू से मिलने का फैसला किया। वे उसे अपने पसंदीदा ओक के पेड़ पर गहरी सोच में पाए। “मिस्टर उल्लू,” लिली ने कहा, “जंगल का जादू खत्म हो रहा है। क्या आप जानते हैं क्यों?”
मिस्टर उल्लू ने अपना चश्मा ठीक किया और बोले, “अह, हाँ। जंगल का जादू गोल्डन एकॉर्न से आता है, जो जंगल के दिल में छिपा हुआ है। लेकिन इसे शैडो फॉक्स ने चुरा लिया है। गोल्डन एकॉर्न के बिना, जंगल अपना सारा रंग और खुशी खो देगा।”
लिली के कान खड़े हो गए। “हमें इसे वापस लाना होगा! बेनी, क्या तुम मेरे साथ चलोगे?”
बेनी ने बहादुरी से सिर हिलाया। “बिल्कुल! चलो जंगल को बचाते हैं!”
दोनों दोस्तों ने शैडो फॉक्स के पीछे के निशान का पीछा करते हुए अपनी यात्रा शुरू की। रास्ते में, उनकी मुलाकात नए दोस्तों से हुई, जो मदद करना चाहते थे। वहाँ रोज़ी द डियर थी, जो हवा से भी तेज दौड़ सकती थी, और टिमी द टर्टल, जो जंगल के हर गुप्त रास्ते को जानता था।
जैसे-जैसे वे जंगल में गहरे जाते गए, उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने एक बुलबुलाती नदी पर एक जर्जर पुल पार किया, एक बोलते पेड़ की पहेली को सुलझाया, और यहाँ तक कि एक चंचल लेकिन मुश्किल भरे रैकून के समूह को भी चकमा दिया।
आखिरकार, वे शैडो फॉक्स के अंधेरे गुफा तक पहुँच गए। लिली ने गहरी सांस ली और बोली, “शैडो फॉक्स, हम गोल्डन एकॉर्न वापस लेने आए हैं। कृपया इसे हमें वापस कर दो!”
शैडो फॉक्स बाहर आया, उसकी चमकती लाल आँखें चमक रही थीं। “मैं इसे तुम्हें क्यों दूँ? जंगल ने कभी मेरी परवाह नहीं की।”
लिली ने कुछ पल सोचा और कहा, “जंगल हम सभी का घर है, तुम्हारा भी। अगर हम साथ मिलकर काम करें, तो इसे सबके लिए खुशहाल बना सकते हैं।”
शैडो फॉक्स लिली की दयालुता से हैरान था। उसने कभी ऐसा नहीं सोचा था। धीरे-धीरे, उसने गोल्डन एकॉर्न लिली को सौंप दिया। “शायद तुम सही हो,” उसने कहा। “मैं सिर्फ ध्यान चाहता था।”
लिली मुस्कुराई। “तुम भी जंगल का हिस्सा हो। चलो साथ मिलकर जादू वापस लाते हैं!”
गोल्डन एकॉर्न को अपने पंजे में लेकर, लिली और उसके दोस्त जंगल के दिल में वापस आए। जैसे ही एकॉर्न को उसकी जगह पर रखा गया, एक सुनहरी रोशनी जंगल में फैल गई। फूल चमकीले रंगों में खिल उठे, पेड़ हरे-भरे हो गए, और पक्षी फिर से खुशी के गीत गाने लगे।
शैडो फॉक्स भी उत्सव में शामिल हो गया, और सभी जानवरों को एहसास हुआ कि दयालुता और टीमवर्क से किसी भी समस्या का समाधान किया जा सकता है।
उस दिन के बाद, लिली को ब्रेव लिटिल रैबिट के नाम से जाना जाने लगा, और जादुई जंगल पहले से भी ज्यादा खूबसूरत हो गया।
कहानी की सीख:
दयालुता और टीमवर्क से किसी भी बड़ी समस्या का समाधान किया जा सकता है।
हर किसी को शामिल होने और सराहा जाने का मौका मिलना चाहिए।
एनीमेशन के लिए विजुअल आइडियाज़:
लिली का बिल: फूलों और एक छोटे से मेलबॉक्स वाला एक आरामदायक, रंगीन बिल।
जादुई जंगल: चमकीले, जीवंत रंगों वाले पौधे और जानवर।
शैडो फॉक्स की गुफा: अंधेरी और रहस्यमय, चमकती लाल आँखों के साथ।
गोल्डन एकॉर्न: एक चमकता हुआ, सुनहरा एकॉर्न जो रोशनी फैलाता है।
उत्सव का दृश्य: जानवर नाचते और हँसते हुए जैसे जंगल का जादू वापस आता है।
Copy link to clipboard
Copied
Hello @muhammad_3519,
Your message was merged into this thread.
Please see the message at the top of this thread for instructions on how to use Firefly. You cannot prompt here in the forum.
Thanks,
droopy
Copy link to clipboard
Copied
JIBON
Copy link to clipboard
Copied
Hello @Md_Jibon7632,
Your message was merged into this thread.
Please see the message at the top of this thread for instructions on how to use Firefly. You cannot prompt here in the forum.
Thanks,
droopy
Copy link to clipboard
Copied
इंडिया के इस छोटे से रीजन में एक ऐसी कम्युनिटी रहती है जो यहां से निकलकर पूरे देश के बिजनेस को डोमिनेट करती है आदित्य बिल्ला ग्रुप बजाज इमामी द टाइम्स ग्रुप जैसे कई बिजनेसेस के ओनर्स इस छोटी सी कम्युनिटी से आते हैं हम बात कर रहे हैं मारवाड़ी कम्युनिटी की जो आते तो राजस्थान से हैं लेकिन अगर इनकी टोटल वेल्थ कर दी जाए तो व राजस्थान की जीडीपी से भी ज्यादा है इतना ही नहीं बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में जितनी भी कंपनीज हैं उसका 6 पर यानी 228 बिलियन डॉलर मारवाड़ हों के पास है यह इतना पैसा है कि अगर यह आपके पास होता तो अब मुकेश अंबानी जी का जो बिजनेस है reliance1 लार्जेस्ट बैंक है उन दोनों को खरीद लेते हैं और उसके बावजूद आपके पास करोड़ों रुपए बच जाते हैं इंडिया के 26 बिलियनर्स मारवाड़ी कम्युनिटी से बिलोंग करते हैं और 50 इंडियन स्टार्टअप्स में एटलीस्ट एक मारवाड़ी फाउंडर है ही है तो सवाल ये है कि मारवाड़ी लोगों में ऐसी क्वालिटीज क्या हैं जो इन्हें इतना सक्सेसफुल बनाती है और आज की वीडियो में हम इसी के बारे में बात करेंगे सो लेट्स स्टार्ट टोटल पांच सबसे बड़ी क्वालिटीज हैं मारवाड़ीस में जिसकी वजह से ये बिजनेस में बहुत ही अच्छे हैं सबसे पहली चीज है इनोवेटिव स्ट्रेटेजी जब भी हम स्नैक्स की बात करते हैं तो हमारे दिमाग में एक पिक्चर जरूर क्रिएट होती है और वो है हल्दी राम्स आज ये ब्रांड हर घर में पहुंच चुका है और मार्केट में उन्होंने ऐसी पकड़ बनाई है कि यूएस के बड़े-बड़े ब्रांड्स जैसे कि नोज या mcdonald's ये दोनों मिलाकर भी इसे मुकाबला नहीं दे पाते लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसकी शुरुआत 11 साल के एक बच्चे ने की थी वो भी भुजिया बनाकर और आज यह कंपनी 80000 करोड़ की हो गई है तो बात है 1919 की जब राजस्थान के बीकानेर में गंगा विशन अग्रवाल जी की फैमिली भुजिया बेचा करती थी उस वक्त वो सिर्फ 11 साल के थे और बींग मारवाड़ी उन्हें कहा गया था कि तुझे घर के बिजनेस में हाथ बटाना ही है उस वक्त बीकानेर में बहुत से लोग भुजिया बेचा करते थे और सबकी भुजिया ऑलमोस्ट सेम ही होती थी ना ही क्वालिटी का डिफरेंस ना इवन प्राइस का डिफरेंस उस वक्त हल्दीराम जी को भुजिया बनाने का ऑब्सेशन हो गया था लेकिन वो चाहते थे कि मेरी भुजिया बाकी लोगों से डिफरेंट हो वो अलग-अलग इंग्रेडिएंट्स से एक्सपेरिमेंट करते और नए टेस्ट और क्वालिटी ट्राई करते और फाइनली उन्हें वो सीक्रेट इंग्रेडिएंट्स मिल गए और उनकी भुजिया इतनी फेमस हुई कि वो जब भी लाते थे उसी वक्त वो सारी भुजिया बिक जाती थी तो उन्होंने इस भुजिया को बनाने के लिए तीन टोटल चेंजेज करे सबसे पहला था कि सारे लोग उस वक्त भुजिया बेसन से बनाते थे लेकिन इन्होंने भुजिया मोज से बनाई जिसकी वजह से भुजिया और ज्यादा टेस्टी और क्रिस्पी बनी लेकिन हल्दीराम जी को पता था कि ये इंग्रेडिएंट्स ब्रांडिंग के बारे में वो अपनी भुजिया को बाकी भुजियो से हाई क्वालिटी बताना चाहते थे और इसके लिए उन्होंने बाकी दो पॉइंट्स का सहारा लिया पॉइंट नंबर सेकंड था कि उन्होंने इसको नाम दिया महाराजा डोंगर के नाम से और इसे कहा डोंगर सेव जिससे लोगों के दिमाग में एक स्ट्रांग परसेप्शन बन जाए ये कोई आम भुजिया नहीं है ये तो महाराजा जी के नाम से है अपने प्रोडक्ट को प्रीमियम दिखाने के लिए जो थर्ड स्ट्रेटजी इन्होंने अपनाई वो था इसका प्राइस जहां पर उस वक्त हर आदमी 2 पैसे पर केजी के हिसाब से बुजिया बेचता था इन्होंने अपनी भुजिया का प्राइस ढाई गुना कर दिया यानी 5 पैसे पर केजी उस वक्त जितने भी वहां पर कस्टमर्स थे उनके दिमाग में एक ही बात थी कि यार भुजिया खानी है तो हाई क्वालिटी की यानी कि डोंगर से इन स्ट्रेटेजी को इंप्लीमेंट करने के बाद इनके बिजनेस की ग्रोथ इतनी हुई कि उन्होंने कोलकाता और नागपुर में भी एक्सपेंड कर दिया और अपने बेटों को एक-एक जगह की ओनरशिप दे दी यानी एक को कोलकाता की और दूसरे को नागपुर की इसके बाद भी इनकी फ्यूचर जर्नी आसान नहीं थी इनके बेटे श्री कृष्ण अग्रवाल जी का नागपुर में बिजनेस अच्छा नहीं चल रहा था क्योंकि महाराष्ट्र के लोगों में भुजिया का उतना क्रेज नहीं था इस चीज को देखते हुए कृष्ण अग्रवाल जी ने वहां की मार्केट को स्टडी करना स्टार्ट किया और उन्होंने दो सबसे बड़े चेंजेज लाए महाराष्ट्र में लोगों को ज्यादा स्नैक्स के बारे में अवेयरनेस नहीं थी तो उन्होंने नए-नए स्नैक वहां पे धीरे-धीरे इंट्रोड्यूस किए दूसरा सबसे बड़ा चेंज किया उन्होंने स्वीट मार्केट को कंप्लीट डोमिनेट कर दिया यानी कि वहां पर उन्होंने देखा कि वही कॉमन लड्डू वगैरह स्वीट्स बिकती है और इसीलिए उन्होंने वहां पर इंट्रोड्यूस करी प्रीमियम स्वीट यानी काजू कतली इसके साथ-साथ वो अपने कस्टमर से बहुत ही स्वीटली बात करते थे उन्हें चाय कॉफी पिलाने में कभी भी हिचक चाते नहीं थे क्योंकि उन्हें पता था कि यही कस्टमर आने वाले कुछ सालों में इन्हें हजारों रुपए का बिजनेस देगा इसके साथ-साथ कृष्ण अग्रवाल जी चाय के साथ अपने कस्टमर्स को काजू कसली भी ऑफर करते थे और एक बार उनके कस्टमर्स को काजू कसली पसंद आ जाती तो वो अपनी दुकानों के लिए बड़े-बड़े ऑर्डर्स करते हैं नागपुर में काजू कतली बहुत फेमस हो गई और सिर्फ नागपुर ही क्यों पूरे इंडिया में इनकी स्वीट फेमस होगी इस बात का अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि हल्दीराम की जो स्वीट में मार्केट शेयर है वो 34 पर है और ये पूरे इंडिया का सबसे बड़ा मार्केट शेयर है अब जो मारवाड़ी होते हैं ये कोई एक जनरेशन बिजनेस नहीं होता इनकी हर पीढ़ी अपने एसिस्टिंग बिजनेस को इंप्रूव करती ही करती है फॉर एग्जांपल हल्दी राम फैमिली के ग्रैंडसन मनोहर लाल अग्रवाल जी ने क्यूएसआर यानी क्विक सर्विस रेस्टोरेंट के आउटलेट्स पूरे कंट्री में एक्सपेंड किए इसके साथ सा साथ उन्होंने अपना खानदानी फार्मूला भी नहीं छोड़ा यानी पैकेजिंग यानी प्रोडक्ट के साथ-साथ वो पैकेजिंग उसकी बहुत अच्छी करते और हर बार मेजर लोकेशंस जैसे कि दिल्ली की चांदनी चौक जैसी जगहों में नए-नए स्टोर्स खोलते यानी वो 11 साल का लड़का जो भुजिया बनाता था आज उसी कंपनी का रेवेन्यू 12000 करोड़ का है यानी सारे लोग मिलकर 12000 करोड़ की भुजिया खाजू कतली और इनके बाकी प्रोडक्ट्स खाते हैं इस स्टोरी से हमारी लर्निंग ये है कि इनोवेटिव बनो जैसे कि हल्दीराम जी ने बेसन की जगह से मोद से भुजिया बनाई उसे महाराजा का नाम दिया और और इवन उसे प्रीमियम दिखाने के लिए उसका प्राइस बाकी भुजा के कंपेरटिवली ढाई गुना रखा मारवाड़ी इस की सेकंड आउटस्टैंडिंग क्वालिटी आती है डायवर्सिफिकेशन ये स्टोरी है एक ऐसे इंसान की जो बिहार से निकलकर मुंबई आए और स्क्रैप यानी कबाड़ी वाले का काम किया आज उनकी नेट वर्थ 16000 करोड़ है उनकी कंपनी इंडिया की लार्जेस्ट माइनिंग कंपनी है और उन्हें मेटल किंग के नाम से जाना जाता है मैं बात कर रहा हूं वदंता रिसोर्सेस के फाउंडर और चेयरमैन अनिल अग्रवाल जी की बचपन में पढ़ाई में मन ना लगने के कारण 15 साल की उम्र में ही इन्हो उने स्कूल छोड़ दिया और अपने फादर के बिजनेस में लग गए ये हमेशा से ही एक ड्रीमर थे और इनका ड्रीम था कि खुद का कुछ करना है खुद का बिजनेस करना है और इसीलिए ये मुंबई शिफ्ट हो गए मुंबई आने पर ना उनके पास पैसे थे और ना ही वहां पर किसी को ये जानते थे ये जिनके साथ काम करते थे वो एक कबाड़ी वाला था और उसने कहा कि देख मेरे पास एक रूम है जिसमें सात बेड लगे हैं एक में आके तू भी सो सकता है वहीं पर उन्होंने स्क्रैप डीलिंग का काम स्टार्ट कर दिया जहां पर वो केबल कंपनी से कबाड़ लेते और उसे फैक्ट्रीज को बेच देते स्क्रैप की डीलिंग करते-करते 1976 में उ उने शमशेर स्टर्लिंग केबल कंपनी जहां से वो स्क्रैप लिया करते थे उसे खरीदने का मौका दिखा क्योंकि वो कंपनी बैंकर पट हो चुकी थी उस वक्त उन्होंने सोचा कि ये कंपनी तो मुझे खरीदनी है और उन्होंने 66 लाख का लोन लिया जो कि आज की कैलकुलेशन के अकॉर्डिंग 10.2 करोड़ बनता है अनिल अग्रवाल जी अपने ट्वीट में बता रहे हैं कि जब उन्होंने इस कंपनी को खरीदने के लिए लोन लिया तो अगले 10 साल उनके सबसे टफ थे जिसमें उन्हें बहुत से स्ट्रेस और डिप्रेशन से गुजरना पड़ा 10 साल इस बिजनेस में काम करने के बाद 1986 में उन्होंने स्टरलाइट इंडस्ट्रीज को खरीद लिया जो कि आगे चलके विदन रिसोर्सेस बन गई इन्होंने यहीं से कॉपर की स्मेल्टिंग और रिफाइनिशिव में इन्होंने मेजॉरिटी शेयर्स ले लिए जिससे इनका बिजनेस और ज्यादा डायवर्सिफाई हो गया लेकिन इसके बाद भी ये नहीं रुके 2007 में सेसा गवा नाम की आयरन ओर प्रोड्यूसर को भी इन्होंने एक्वायर किया और साथ ही में ऑयल एंड गैस कंपनी कैरन इंडिया को 2011 में एक्वायर किया और इनकी एलुमिनियम जिंक कॉपर के माइन सिर्फ इंडिया में नहीं बल्कि साउथ अफ्रीका ऑस्ट्रेलिया और जामिया जैसी कंट्रीज में भी है देखिए बिहार से आया हुआ एक लड़का जो कबाड़ बेच रहा था आज उसकी कंपनी की नेट वर्थ 83000 करोड़ है और यह कंपनी है भी उस इंडस्ट्री में जहां पर गवर्नमेंट की रूल्स एंड रेगुलेशन इतनी ज्यादा है कि अगर छोटा सा भी बिजनेस खोलो तो ऐसा लगता है कि गवर्नमेंट पीछे पड़ी है इसको बंद करवाने के लिए लेकिन फिर भी आज इसी इंडस्ट्री में अनिल अग्रवाल जी को मेटल किंग के नाम से जाना जाता है इन शॉर्ट इस पॉइंट से हमारी लर्निंग ये है कि मारवाड़ी कभी भी अपने एक बिजनेस पर डिपेंडेंट नहीं रहते बल्कि हमेशा हमेशा एक्सपेंड करते रहते हैं हमेशा ग्रोथ के बारे में सोचते हैं कि न्यू इनकम स्ट्रीम कैसे क्रिएट की जाए मारवाड़ीस की तीसरी सबसे बड़ी क्वालिटी है ब्रेकिंग ऑल द बैरियर्स इमेजिन कीजिए कि आज से 30 या 40 साल के बाद जब आप 60 या 65 साल के हो जाएंगे तब आप क्या करने का सोच रहे होंगे मोस्ट प्रोबेबली हमें से ज्यादातर लोग काम से रिटायर होकर आराम की जिंदगी काटना चाहते हैं बट यहां पर जिस आदमी की स्टोरी मैं बताने वाला हूं वो इसके बिल्कुल ही अलग है जिस एज में लोग रिटायर होते हैं उस ऐज में इस इंसान ने बिजनेस करने का सोचा बिजनेस में ये फेल भी हुए लेकिन हार नहीं मानी ना सिर्फ इन्होंने अपनी कंपनी को बचाया बल्कि उसे इंडिया की थर्ड लार्जेस्ट ट्रैक्टर मैन्युफैक्चरर बना दिया सिर्फ इतना ही नहीं 92 की एज में यह इंडिया के ओल्डेस्ट बिलियरटी बने और इनकी नेट वर्थ 23000 करोड़ है मैं बात कर रहा हूं लक्ष्मण दास मित्तल जी की जो सोनाली का ट्रैक्टर्स के फाउंडर और चेयरपर्सन हैं ये एक मिडिल क्लास फैमिली से बिलोंग करते हैं और अपनी ग्रेजुएशन कंप्लीट करने के बाद एलआईसी में इनकी जॉब लग गई एलआईसी में काम करते-करते इन्हें फाइनेंस और इन्वेस्टमेंट की अच्छी खासी नॉलेज हो गई थी जिससे इन्होंने अपने सैलरी के पैसों को रेगुलरली इ वेस्ट किया और यही पैसे उन्हें अपना पहला बिजनेस स्टार्ट करने के काम आए 1995 में लक्ष्मण दास जी का बिजनेस शुरू हुआ इसके पीछे का रिजन भी एक नोबल कॉज था उनके फादर एक फार्म डीलर थे माय फादर वाज अ फूड ग्रेन डीलर एंड ही यूज टू एडवांस मनी टू द फार्मर्स फॉर परचेज ऑफ सीड एंड फर्टिलाइजर्स जो कि किसानों को उधार में फर्टिलाइजर सीड ये सब दिया करते थे और जब फसल काटने का समय आता तो किसान फसल बेचकर ये उधार वापस करते बट उस टाइम पर फसल काटने में महीनों लग जाते थे क्योंकि सारा काम हाथ से करना पड़ता था और क्योंकि फसल काटने में ज्यादा टाइम लगता था तो बारिश या तूफान के कारण कई बार किसानों की फसल बर्बाद भी हो जाती थी उस वक्त उन्होंने फार्मर को सफर करते हुए देखा तभी से उन्हें लगा कि उन्हें कुछ ऐसा बिजनेस करना चाहिए जिससे फार्मर की इनकम को बढ़ाया जा सके और उसके काम को आसान किया जा सके अपनी बची कुची सेविंग के साथ व अपने फ्रेंड के पास चले गए एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी लुधियाना में वहां उन्हें रिसेंटली इंपोर्टेड जैपनीज थ्रेशर मिले उन्होंने उस जैपनीज थ्रेशर के 50 ऑर्डर दे दिए और उसे खरीद के किसानों को दे दिया टेस्ट करने के लिए लेकिन ये मशीन फेल हो गई क्योंकि ये मशीन सिर्फ राइस क्रॉप के लिए बनी थी उनके सारे पैसे इस इन्वेस्टमेंट में डूब गए और वो बैंकर पट हो गए इमेजिन कीजिए कि 60 साल की एज में आपके बच्चे हैं फैमिली की रिस्पांसिबिलिटीज है और आपके बैंक में पैसे जीरो हो जाते हैं सोचकर भी डर लगता है लेकिन इन सबके बाद भी लक्ष्मण दास जी ने हार नहीं मानी उन्होंने डीलर से वीट क्रॉप के अकॉर्डिंग थ्रेशर्स में चेंजेज करवाए और फिर से थ्रेशर्स को मार्केट में लाए और फाइनली ये थ्रेशर सक्सेसफुल साबित हो गए इसके बाद लगातार उनकी कंपनी ग्रोथ करती रही और फार्मर्स को इनके ट इतने पसंद आए कि सभी ने ट्रैक्टर्स की डिमांड करी जिसकी वजह से सोनालिका ट्रैक्टर्स की शुरुआत हुई और आज यही इनका मेन बिजनेस बन चुका है सिर्फ यही नहीं आज ये ट्रैक्टर्स के मार्केट में लीडर बन चुके हैं इनकी कंपनी ने ईयर 2021 में 55 लाख ट्रैक्टर सेल करे और 41 पर की ग्रोथ करी और ये अपना प्रोडक्ट सिर्फ इंडिया में नहीं बल्कि 74 और कंट्रीज में भी बेचते हैं इन शॉर्ट इस स्टोरी से हमारी लर्निंग यह है कि हमारे लिए कुछ भी बैरियर नहीं है जब तक हम उसे एक्सेप्ट नहीं करते पूरी जिंदगी एलआईसी में काम करने के बाद लक्ष्मण दास जी ने 60 की उम्र में बिजनेस स्टार्ट किया किया और फाइनली 92 की एज में बिलिनियर बने और जबकि 92 की एज में मैक्सिमम बच्चे अपने मां-बाप को घर से निकाल देते हैं मारवाड़ीस की चौथी सबसे बड़ी क्वालिटी आती है हाई रिस्क टेकिंग कैपेबिलिटी आप सबको यह ऐड जरूर याद होगी जो हम सब टीवी में सीरियल्स में या मूवीज में देखा करते थे ये स्टोरी है हरिमोहन बंगूर जी की इनका सीमेंट का बिजनेस था जो कि साल 2002 में बहुत बुरी फाइनेंशियल कंडीशन में था ये इतना खराब हो चुका था कि इनकी अपनी कंपनी बेचने की नौबत आ गई थी उसके अलावा जो उन्होंने लोन लिया था उस पर 19 पर का ब्याज था जिसकी वजह से करोड़ों रपए तो उन्होंने सिर्फ ब्याज में यानी इंटरेस्ट में देने थे जब इनकी कंडीशंस बहुत खराब होगी तो उन्होंने एक फ्रांस की बहुत बड़ी सीमेंट कंपनी है वीआईसीएटी के नाम से उसको उन्होंने 50-50 डील पर बेचने का डिसीजन लिया फ्रांस की एक कंपनी श्री सीमेंट को 800 करोड़ की वैल्यूएशन देने पर रेडी हो गई इस डील से मोहन जी की कंपनी अपने लॉसेज चुका सकती थी और फ्रांस की एक कंपनी इंडियन मार्केट में अपनी पकड़ बना सकती थी डील के दोनों पार्टीज रेडी थे और नेक्स्ट डे सुबह 9:00 बजे पेपर साइन होने ही वाले थे पर हरिमोहन जी को यह बात पता थी कि बिजनेस में 50 जैसा कुछ नहीं होता वो अपने पिताजी जो कि श्री सीमेंट के फाउंडर भी थे बेन गोपाल बंगूर जी के पास गए और अपने पिताजी से कहा कि एक लास्ट चांस मुझे दीजिए मैं इस कंपनी की दिशा बदल सकता हूं इतनी डिफिकल्टी सिचुएशन में अगर हम होते तो हम सोचते क्या यार इस कंपनी को बेचो और सेफ्टी में आओ लेकिन नहीं एक मारवाड़ी कभी भी रिस्क लेने से नहीं डरता और यही हरिमोहन जी ने किया कंडीशंस इतनी ज्यादा खराब होने के बावजूद उन्होंने रिस्क लिया और डील कैंसिल कर दी अब हरिमोहन जी ने डील तो कैंसिल कर दी लेकिन प्लान क्या था आगे का वो उन्हें भी नहीं पता यहीं पर मारवाड़ यों की चैलेंज को ब्रेवली फेस करने की क्वालिटी नजर आती है हरि मोहन जी ने सबसे पहले कंपनी में जो कॉस्ट थी उसको कम करा और एफिशिएंसी को बढ़ाने की स्ट्रेटेजी लाई कॉस्ट कम करने के लिए उन्होंने देखा उसी साल reliance1 पर सस्ता होता है अगर वो कोक अपनी फैक्ट्रीज में यूज करें तो उनकी फैक्ट्रीज में सीमेंट बनने की कॉस्ट को कम किया जा सकता था लेकिन इंडिया में किसी को नहीं पता था कि इसे यूज कैसे किया जाए इस टेक्निक को यूरोप में पॉपुलर यूज किया जाता था इसलिए उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग टीम को यूरोप भेजा ताकि वो ट्रेन होकर सेम मेथड अपनी फैक्ट्रीज में भी अप्लाई कर सके साथ ही में साल 2003 में वल्लभ भंसाली जी जो कि एक एंजल इन्वेस्टर है उन्होंने कंपनी की फैक्ट्री विजिट की और वहां पर जब उन्होंने एंप्लॉई से बात करी तो उन्हें पता चल गया था कि एक फैक्ट्री वर्कर से लेकर कंपनी के चेयरमैन को सबको पता है कि कंपनी की विजन क्या है जिससे उन्हें कंपनी के फ्यूचर पर ट्रस्ट होने लगा फिर उन्होंने कंपनी में पैसे इन्वेस्ट कर दिए और कंपनी में कुछ फाइनेंशियल स्टेबिलिटी आने लग गई धीरे-धीरे जब मार्केट में डिमांड बढ़ी तो इनकी कंपनी टर्न अराउंड हो चुकी थी यानी 2003 2004 के एंड तक इनकी कंपनी प्रॉफिटेबल बन गई 10 सालों में इनकी इतनी ग्रोथ हुई कि प्रॉफिट 6 करोड़ से 1000 करोड़ पहुंच गए सिर्फ इतना नहीं फ्रांस की वो आपको कंपनी याद है विकेट जो इन्हें एक्वायर करने वाली थी उन्हें आरा की कंपनी के साथ मिलकर मर्ज करना पड़ा और आज ये दोनों मिलकर 25 लाख टन सीमेंट प्रोड्यूस करते हैं वहीं पर शिरी सीमेंट 1 करोड़ 35 लाख टन प्रोड्यूस करता है कुछ सालों पहले जो कंपनी इन्हें खरीदना चाहती थी आज ये उन कंपनी को खरीदने की ताकत रखते हैं इस स्टोरी से हमारी लर्निंग यह है कि मारवाड़ी इस की तरह सक्सेसफुल होने के लिए हमें भी अपनी लाइफ में टफ सिचुएशन से गुजरना ही पड़ेगा उसके बावजूद रिस्क लेने पड़ेंगे और साथ ही में अगर हमें अपनी स्ट्रेटेजी और एक्शन में बिलीफ है तो हम भी अपनी सिचुएशन को टर्न अराउंड कर सकते हैं जैसे कि हरि मोहन बंगूर जी ने अपनी कंपनी के साथ किया मारवाड़ीस की फिफ्थ सबसे बड़ी क्वालिटी आती है अडेप्टिया किसी की 20 एज में उनके फादर की डेथ हो जाए फिर हमारा बड़ा भाई हमारी फैमिली से अलग हो जाए वो भी एक प्रॉफिटेबल ब बनेस के साथ हमारी फैक्ट्री पे वर्कर स्ट्राइक कर दें और एक साल तक फैक्ट्री बंद हो जाए फिर हमारे दूसरे भाई की डेथ हो जाए इतना सब कुछ हो जाने के बाद ऐसा लगता है कि यार अब जीने का मन नहीं है लेकिन एक मारवाड़ी कभी भी हार नहीं मानता जो कि सेम चीज अजय पीरामल जी ने करी सिर्फ 22 की एज में इन्होंने अपनी फैमिली टेक्सटाइल बिजनेस में एंटर करने का सोचा और उन्हें इस बिजनेस में भी दो ही साल हुए थे कि 1979 में उनके फादर की डेथ हो गई और साथ ही सिचुएशन और भी खराब हो गई जब उनके बड़े भाई दिलीप फैमिली बिजनेस से अलग हो गए और जो प्लास्टिक वाला जो अच्छा बिजनेस परफॉर्म कर रहा था उसको ले गए सिर्फ इतना ही नहीं 16 दिन के बाद इनके टेक्सटाइल मिल्स को बंद करवा दिया गया स्ट्राइक्स के कारण और एक साल तक ये फैक्ट्री बंद रही इसके बाद बुरा तो तब हुआ जब कुछ सालों के बाद बड़े भाई अशोक जी की भी डेथ हो गई और उनकी वाइफ और बच्चों की रिस्पांसिबिलिटी इनके ऊपर आ गई 1984 में सिर्फ 29 की एज में इन्हें एज अ चेयरमैन अपनी कंपनी की लीडरशिप ली उस वक्त उन्हें ना ही इंडस्ट्री की नॉलेज थी ना ही कोई ज्यादा एक्सपीरियंस साथ ही में उनकी पर्सनल लाइफ में इतने सारे बुरे एक्सपीरियंस हुए थे उन्होंने सबसे पहले टेक्सटाइल बिजनेस को छोड़कर दूसरे इंडस्ट्रीज में बिजनेस करना स्टार्ट किया क्योंकि टेक्सटाइल इंडस्ट्री में गवर्नमेंट की पॉलिसीज लगातार चेंज हो रही थी जिससे रिस्ट्रिक्शंस इतनी ज्यादा इंक्रीज हो रही थी कि बिजनेस करना बहुत ही डिफिकल्ट हो गया था इसके साथ ही हर इंसान सेमी क्वालिटी के कपड़े बेच रहा था कंपनी सिर्फ प्राइस के बेसिस पर प्ले कर रही थी तभी उन्हें अपने एक फ्रेंड के थ्रू पता चला कि एक ऑस्ट्रेलियन कंपनी है जो इंडिया छोड़ रही है इस कंपनी का नाम था निकोलस लेबोरेटरीज और इसे हम खरीद सकते हैं वो सीधा कंपनी के ओनर माइक बार्कर के पास गए और उन्हें अपने कॉन्फिडेंस से कन्वेंस कर लिया कि वो इस कंपनी को न्यू हाइट्स पर ले जा सकते हैं उस वक्त इस कंपनी के टोटल वैल्यू 5 से 6 करोड़ थी और ये डील ज्यादा रिस्की भी नहीं थी इसीलिए उन्होंने इसे खरीद लिया इसके बाद उन्होंने कई छोटे-छोटे फार्मा कंपनीज को एक्वायर किया और आज पीरामल ग्रुप इंडिया की वन ऑफ द मोस्ट सक्सेसफुल फार्मा कंपनीज में से एक है अब इस कंपनी की टोटल वैल्यू 14000 करोड़ है देखिए अगर आप मारवाड़ी की तरह बिजनेस में इंटरेस्टेड है तो गग एप्लीकेशन में अब सारी बिजनेसेस बुक सुन सकते हैं इवन वरन बफेट की सबसे पहली सबसे फेवरेट बुक 1000 वेस्ट मेक $1000 इसके अलावा गग एप्लीकेशन में 200 से ज्यादा बुक सरीज हिंदी में फ्री में अवेलेबल है जिसमें हम हर हफ हफ्ते एक फ्री बुक एमली ऐड करते हैं तो अगर आप मारवाड़ीस की तरह अपने दोस्तों से पीछे नहीं रहना चाहते हैं तो आप गग एप्लीकेशन डाउनलोड कर सकते हो जिसका लिंक मैं डिस्क्रिप्शन और फर्स्ट कमेंट में दे दूंगा एनीवेज कमिंग बैक टू द स्टोरी तो इस वीडियो में हमने मारवाड़ी की टोटल पांच स्ट्रेटजीजर स्ट्रेटजी इसमें हमने हल्दीराम की स्टोरी से यह जाना कि कैसे उन्होंने मोज से भुजिया बनाई और बाकी भुजिया बेचने वालों से बेटर पैकेजिंग करी उसे अच्छा नाम दिया और उसका प्रीमियम प्राइस भी रखा हमारी सेकंड लर्निंग थी डायवर्सिफिकेशन इसमें हमने अनिल अग्रवाल जी की स्टोरी से यह जाना कि कैसे उन्होंने एक के बाद एक मेटल्स में अपने बिजनेस डाइवर्सिटी और आज इसीलिए उन्हें मेटल किंग ऑफ इंडिया कहा जाता है मारवाड़ीस की थर्ड क्वालिटी थी ब्रेकिंग ऑल द बैरियर्स एक मारवाड़ी बिजनेस में कभी भी हार नहीं मानता लक्ष्मण दास जी ने एलआईसी एजेंट से शुरुआत करी और 60 की एज में अपना नया बिज़नेस स्टार्ट किया बैंकर पट होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और इंडिया के ओल्डेस्ट बिजनेसमैन बने फोर्थ क्वालिटी है हाई रिस्क टेकिंग कैपेबिलिटी जिस तरीके से हरिमोहन बंगूर जी ने अपने डूबते हुए सीमेंट के बिजनेस को ना बेचने का रिस्क लिया लेकिन उस के बावजूद उसे प्रॉफिटेबल बनाया उस तरीके से हम भी किसी भी बुरी सिचुएशन को फ्लिप कर सकते हैं और उसे बेटर बना सकते हैं और फिफ्थ मोस्ट इंपोर्टेंट क्वालिटी थी अडेप्ट एंड अपॉर्चुनिटी सीकर इसमें हमने अजय पिरामल जी की स्टोरी देखी कि जैसे ही उन्हें नई अपॉर्चुनिटी दिखी तो उन्होंने अपने बैकग्राउंड के बारे में नहीं सोचा और फिर वो फार्मा कंपनी में शिफ्ट हो गए एनीवेज दोस्तों अगर आपको लगता है कि आपके किसी फ्रेंड या फैमिली मेंबर को बिजनेस में इंटरेस्ट है तो ये वीडियो आप उनके साथ जरूर शेयर करें और हां ग एप्लीकेशन डाउनलोड करना मत भूलिए और अगर आप ऐसी नॉलेजेबल वीडियोस मिस नहीं करना चाहते तो सब्सक्राइब करने के बाद बेल का बटन दबाना मत भूलिए जल्दी हम आपसे दोबारा मिलेंगे जय हिंद [संगीत]
Copy link to clipboard
Copied
Hello @rahul_8833,
Your message was merged into this thread.
Please see the message at the top of this thread for instructions on how to use Firefly. You cannot prompt here in the forum.
Thanks,
droopy
Copy link to clipboard
Copied
a teddy , which is ugly
Copy link to clipboard
Copied
Hello @al_8852,
Your message was merged into this thread.
Please see the message at the top of this thread for instructions on how to use Firefly. You cannot prompt here in the forum.
Thanks,
droopy
Copy link to clipboard
Copied
Yes, sir, yes, sir, three bags full
One for the master, one for the dame
One for the little boy who lives down the lane
Baa, baa, black sheep, have you any wool?
Yes, sir, yes, sir, three bags full
Yes, sir, yes, sir, three bags full
One for the master, one for the dame
One for the little boy who lives down the lane
Baa, baa, blue sheep, have you any wool?
Yes, sir, yes, sir, three bags full
Yes, sir, yes, sir, three bags full
One for the master, one for the dame
One for the little boy who lives down the lane
Baa, baa, pink sheep, have you any wool?
Yes, sir, yes, sir, three bags full
- Baa, baa, white sheep, have you any wool?
Yes, sir, yes, sir, three bags full
One for the master, one for the dame
One for the little boy who lives down the lane
Baa, baa, white sheep, have you any wool?
Yes, sir, yes, sir, three bags full
Copy link to clipboard
Copied
Hello @jane_9406,
Your message was merged into this thread.
Please see the message at the top of this thread for instructions on how to use Firefly. You cannot prompt here in the forum.
Thanks,
droopy
Copy link to clipboard
Copied
Sahne 1 (Başlangıç): Görsel: İstanbul'un yüksek binalarından geniş bir görünüm. Efekt: Akşam saatleri, ışıklar yavaşça yanmaya başlıyor. Ses: Hafif bir rüzgar sesi ve geceye dair şehre özgü bir atmosfer müziği. Sahne 2 (Afişler Dalgalanıyor): Görsel: Dev afişler, yüksek binaların üzerine yerleştirilmiş, rüzgarla dalgalanıyor. Efekt: Neon ışıkların yavaşça parlamaya başlaması. Ses: Neşeli bir ritimle müzik yükseliyor. Sahne 3 (‘Gel Casino’ Yazısı Parlıyor): Görsel: “Gel Casino” yazısı dev harflerle belirginleşiyor ve neon ışıkları etrafı aydınlatıyor. Efekt: Işıklar çevreye yansıyarak şehri aydınlatıyor. Ses: Heyecanlı bir müzik yükseliyor. Sahne 4 (Şehir ve Enerji): Görsel: Şehirdeki kalabalık, gece hayatı, araçlar ve yaya trafiği. Efekt: Şehrin enerjisi, neon ışıkları ve parlak tabelalar etrafı sarıyor. Ses: Şehir sesleriyle birlikte eğlenceli bir atmosfer. Son Sahne (Davet): Görsel: Kamera, "Gel Casino" logosuna yaklaşarak ekranın ortasında beliriyor. Efekt: Işıklar yavaşça yanıp sönüyor, son bir parıltı ekleniyor. Ses: Müziğin doruk noktasına ulaşması, ardından hafif bir "Davet" ses efekti.
Copy link to clipboard
Copied
Hi @hüseyin_2295
Your message has been moved here as you posted to a discussion, not the place to insert prompts.
See the top for more information. Note, the details are for image generation rather than video, However the links are still useful. More information on Firefly video can be found at:
https://www.adobe.com/products/firefly/features/ai-video-generator.html
Another thing to note is you can't create audio through a prompt to compliment your images/video at this point in time.
Copy link to clipboard
Copied
A king has 2 ministers and asks them to find out who the thief is but showing them 4 members
Then the first minister beats the four of them to reveal the truth and No one opens their mouth but the second minister gives the four members a long stick and says "whoever's stick is short by tomorrow morning they are not the thief "and the next day morning all the four members come with their sticks to the minister and they show him the sticks and the minister found only one stick short and says that the persons stick which is short is the thief confusingly the person asks why am I the thief but my stick is short then the minister answers" the stick is not magical and it would not become short but you made it short by cutting it as you were scared to be pointed out ". Then the minister goes to the king and says who the thief is and the king is very impressed that the king in return he gifts the minister 1000 gold coins and the thief gets arrested in the end .
Copy link to clipboard
Copied
Hello @bbs_6648,
Your message was merged into this thread.
Please see the message at the top of this thread for instructions on how to use Firefly. You cannot prompt here in the forum.
Thanks,
droopy
Copy link to clipboard
Copied
kapra remove
Copy link to clipboard
Copied
Hello @md_rana_8280,
Your message was merged into this thread.
Please see the message at the top of this thread for instructions on how to use Firefly. You cannot prompt here in the forum.
Thanks,
droopy
Copy link to clipboard
Copied
im Mohamed , I'll stand up and went to what I'm dreaming for... , I'm not afraid , I'm simple & straight...
Copy link to clipboard
Copied
Hello @sidou?blk-official,
Your message was merged into this thread.
Please see the message at the top of this thread for instructions on how to use Firefly. You cannot prompt here in the forum.
Thanks,
droopy
Copy link to clipboard
Copied
حرکت موشک با بردار رانش و نشان دادن حرکت موشک با بردار های مختلف
Copy link to clipboard
Copied
حرکت موشک با بردار
Copy link to clipboard
Copied
Hello @mili_1124,
Your message was merged into this thread.
Please see the message at the top of this thread for instructions on how to use Firefly. You cannot prompt here in the forum.
Thanks,
droopy
Copy link to clipboard
Copied
جنگل ساخته از سی و دو حرف الفبای فارسی
Copy link to clipboard
Copied
جنگل ساخته از سی و دو حرف الفبای فارسی

